
जोधपुर, 5 मार्च। राष्ट्र-संत ललितप्रभ एवं राष्ट्र-संत चन्द्रप्रभ महाराज के सान्निध्य में कायलाना रोड़ स्थित संबोधि धाम में 13 माह तक विशिष्ट तपस्या की आराधना होगी। लगातार 1 वर्ष तक तपस्या चलने के कारण इस तपस्या को वर्षीतप कहा जाता है। विश्व शांति एवं भगवान आदिनाथ प्रभु की आराधना से जुड़ी इस तपस्या में श्रद्धालु भाई-बहिन 400 दिन तक एक दिन उपवास और एक दिन आहार की तपस्या करेंगे। इस तपस्या के प्रभाव से तन-मन के सभी प्रकार के रोग-उपद्रव-तनाव समाप्त हो जाते हैं। मनौती पूरी करने के लिए यह वर्षीतप वरदान साबित होता है।
22 मार्च से विधि विधान के साथ आदिनाथ प्रभु की विशिष्ट आराधना करते हुए श्रद्धालुगण गुरुजनों से आशीर्वाद एवं मंत्रित चंदन चूर्ण स्वीकार करते हुए विधि-विधान के साथ इस तपस्या का श्रीगणेश करेंगे। तीर्थंकरों की उपासना के लिए इस तपस्या को अति महत्त्वपूर्ण माना जाता है। इसमें एक साल में तपस्वीगण 200 उपवास करते हैं। संबोधि धाम में तपस्या एवं उसके प्रतिदिन एकान्तर पारणे की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
संबोधि धाम के अध्यक्ष अशोक पारख ने नगर के धर्मानुरागी भाई-बहिनों से इस तपस्या की आराधना में सम्मिलित होने का अनुरोध किया है। 15 मार्च तक इच्छुक भाई-बहिन संबोधि धाम में अपना नामांकन करा सकेंगे।